सुप्रीम कोर्ट बुधवार को यह तय करेगा कि क्या लीक हुए गोपनीय दस्तावेजों के आधार पर राफेल मामले में दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई हो सकती है या नहीं? पहले चरण के मतदान से एक दिन पहले आने वाला यह फैसला सियासी नजरिए से बेहद अहम साबित होगा।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ बुधवार को यह तय करेगी कि नए तथ्यों के आधार पर पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई होनी चाहिए या नहीं। वास्तव में जहां पुनर्विचार याचिका दायर करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वकील प्रशांत भूषण का कहना है कि नए दस्तावेज बेहद महत्वपूर्ण हैं, लिहाजा इन पर विचार किया जाना चाहिए।
वहीं, केंद्र ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि गोपनीय दस्तावेजों का हवाला देकर दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई नहीं की जा सकती। यह दस्तावेज राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है, लिहाजा कोर्ट को इस पर विचार नहीं करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मसले पर निपटारा करने के बाद पुनर्विचार याचिकाओं पर मेरिट के आधार पर सुनवाई होगी। इसलिए बुधवार का दिन मोदी सरकार और विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।